शनिवार, 1 नवंबर 2008

ओ बापू ! तुम सिर्फ एक ब्रांड हो

सत्य के पुजारी, अमन के देवता
ओ बापू ! आज इस देश के लिए
तुम सिर्फ एक ब्रांड हो
जो बेचा जाता है हर चुनाव से पूर्व
तरह-तरह कि दुकानों पर
लूट ली गई है तुम्हारी खादी, लकुटिया
और तुम्हारा नैतिकतावादी दर्शन
तुम्हारे आदर्शों पर चलने का ढोंग रचकर
चुपचाप बैठे हैं तुम्हारे बन्दर
न वे देखते हैं हर ओर बिखरा भ्रष्टाचार,
न सुनते हैं भूख का कोलाहल
न वे बोलते हैं सत्य कि भाषा
माफ़ करना बापू ! हम कृपण लोग
नहीं चुका सकते तुम्हारे बलिदानों का दाम
सिर्फ कैश कर सकते हैं तुम्हारा नाम,
तुम्हारा काम और तुम्हारा राम

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